Maharajganj

आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी की मौत, रेफर के बाद दो घंटे तक अस्पताल में रोके रखने पर परिजनों ने किया हंमामा

 
चौक क्षेत्र के खजुरिया गांव का रहने वाला था राम सजन, दूध में मिलावट के चौबीस साल पुराने केस में पिछले साल हुई थी सजा
 
जेल में पिछले डेढ़ माह से चल रहा था बीमार, जेल के अस्पताल में हालत बिगड़ने के बाद जिला अस्पताल लाया गया था बंदी
 
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने हालत नाजुक देख मेडिकल कॉलेज किया था रेफर, जेल की प्रक्रिया पूरी करने में दो घंटा बीता,बंदी ने तोड़ा दम
 
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज रेफर करने के बाद करीब दो घंटे जेल की प्रक्रिया पूरी करने के बीच आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी की अस्पताल परिसर में ही मौत हो गई। इससे परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। जेलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शव का पोस्टमार्टम कराने से रोक दिया। एडिशनल एसपी आतिश कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। जांच का आश्वासन दिया। उसके बाद परिजनो ने शव को पोस्टमार्टम करने के लिए पुलिस कर्मियों को सौंपा।
चौक क्षेत्र के खजुरिया गांव निवासी राम सजन के खिलाफ कोतवाली में 17 मई 1999 को तत्कालीन खाद्य निरीक्षक ने मिलावटी दूध के आरोप में अभियोग पंजीकृत कराया था। इस मामले में पिछले साल नौ अप्रैल को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पत्रावली में दर्ज साक्ष्य व गवाहों की गवाही के आधार पर राम सजन के खिलाफ आजीवन कारावास व बीस हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई थी उसके बाद से राम सजन जिला जेल में बंद था। शनिवार की सुबह राम समन की तबीयत अधिक खराब हो गई। उसके बाद जेल के बंदी रक्षकों ने उसे जेल के अस्पताल से इलाज के लिए जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बंदी राम सजन की हालत नाजुक देख मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल से रेफर होने के बाद जिला कारागार से रेफरल की कार्रवाई पूरी होने में काफी वक्त गुजर गया। जेल से एंबुलेंस आने के पहले ही जिला अस्पताल के परिसर में दोषिसद्ध बंदी रामसजन की मौत हो गई। परिजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि राम सजन की मौत लापरवाही से हुई है। इस मामले में जेल अधीक्षक प्रभात सिंह का कहना है कि दोषसिद्ध बंदी राम सजन अस्थमा व सुगर रोग से पीड़ित था। जिला कारागार के अस्पताल में पिछले दस दिन से उसे भर्ती किया गया था। शनिवार की सुबह तबीयत अधिक बिगड़ने के बाद उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बंदी को मेडिकल कॉलेज रेफर किया था, गाड़ी पहुंचने के पहले ही उसकी मौत हो गई।
 
 

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